गर्भ
गर्भ
किसी भी स्त्री के जीवन की सबसे बड़ी चाह होती है कि वो मां बने, उसको भी बच्चे मां कहकर बुलाएं क्योंकि हर स्त्री जानती है कि वह तब तक पूरी नारी नहीं बन सकती जब तक की वो मां बनने का सुख न पा लें। शादी के 1 साल हो जाने तक हर स्त्री और उसके घर वाले सोचते है कि उनके आंगन में जल्द ही छोटे बच्चे की आवाज गूंजे पर अगर कुछ समय बीत जाने पर उसके मां बनने के लक्षण नज़र नहीं आते तो वो निराश होकर डॉक्टरों के पास भागने लगती है।
हमारे समाज में ज्यादातर सब जानते हैं कि लड़की की शादी की सही और कानूनन उम्र लगभग 18 साल की है पर आज भी हमारे गांवों में छोटी-छोटी लड़कियों की शादी कर दी जाती है जिसके कारण लड़की 14-15 साल की उम्र में ही मां बन जाती है। पर उस समय तक लड़की का शरीर इस लायक नहीं होता कि वो बच्चे को जन्म दें जिससे या तो मां और बच्चा दोनो ही कमजोर होते है या मरा हुआ बच्चा पैदा होता है। दूसरी तरफ शहरों में पढ़ाई पूरी करने तक या अपने पैरों पर खड़े होने के चक्कर में लोग-बाग काफी देर से शादी करते हैं जिससे उनके बच्चे भी बड़ी उम्र में पैदा होते हैं।
कुछ खास थेरेपियां :