वैवाहिक जीवन
विवाह तथा वैवाहिक जीवन
शादी के लिए योग्य लड़का-लड़कीराजस्थान आदि में जहां लड़के और लड़कियों की संख्या में कुछ खास अंतर नहीं है वहां पर भी ऐसी समस्या आमतौर पर देखी जा सकती है लेकिन क्यों। इसका कारण यह है कि अक्सर अपनी लड़की की शादी करने से पहले मां-बाप लड़के के बारे में पूरी छानबीन करते हैं कि लड़का कहां रहता है, कितना पढ़ा है, घर-बार कैसा है आदि।.......................... |
मनपसंद का विवाहआज के समय के नवयुवक खासतौर पर कालेजों में पढ़ने वाले लड़के-लड़कियां जिनका मानना है कि भारत में विवाह करने का ढंग ठीक नहीं है, क्योंकि यहां माता-पिता की पसन्द से लड़की और लड़के का विवाह कर दिया जाता है। विदेशों में ही अच्छा ढंग है कि लड़का-लड़की अपनी इच्छानुसार (कोर्टशिप द्वारा) भली प्रकार एक दूसरे को परख और पसन्द करके विवाह करते हैं।......................... |
दूसरा विवाहशादी के बाद यह जरूरी नहीं है कि पति-पत्नी दोनों ही जीवन भर एक-दूसरे का साथ निभा सकें। उनके जीवन में कुछ ऐसे भी पल आ जाते हैं जब उन्हें एक दूसरे से अलग होना पड़ जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं और यह भी जरूरी नहीं कि पति ही पत्नी को छोड़े बल्कि पत्नी भी पती को छोड़ सकती हैं। कभी-कभी ऐसी भी स्थिति बन जाती है कि दूसरा विवाह कर अलग होना ही दोनों के लिए सही फैसला होता है।.......................... |
दाम्पत्य जीवन को सुखी बनाने के उपायआज दाम्पत्य जीवन में पारिवरिक क्लेश अधिक देखने को मिलते हैं जिसमें अधिकतर पति-पत्नी अपने आपसी मन-मुटाव के कारण से छोटी-छोटी बातों पर झगड़ते रहते हैं। इस प्रकार के मन-मुटाव के कारण से पति-पत्नी दोनों मानसिक रूप से अच्छे-बुरे के बारे में ठीक से सोच नहीं पाते हैं जिसका कारण यह होता है कि उनमें तलाक होने तक की नौबत आ जाती है। .......................... |
वैवाहिक जीवन में सेक्स का महत्वआज के समय में हर पुरुष की इच्छा होती है कि उसकी पत्नी सुंदर व गुणवान हो तथा हर स्त्री की इच्छा होती है कि उसका पति सुंदर, गठीला, सेहतमंद तथा शक्तिशाली हो। इसके अतिरिक्त दोनों की यह इच्छा होती है हमारे आनन्दमय आपसी संबंधों द्वारा स्वस्थ, बुद्धिमान तथा सुंदर संतान पैदा करके अपनी वंश को आगे बढ़ाते हुए सफल वैवाहिक जीवन बिताएं। सफल वैवाहिक जीवन का मतलब यह होता है कि जिसमें पति को परमेश्वर तथी पत्नी को घर की लक्ष्मी के रूप में माना जाता है।.......................... |
वैवाहिक जीवन में सेक्स संतुलनअक्सर देखा जाता है कि विवाह के बाद 4-5 सालों तक तो स्त्री-पुरुष के बीच संबंध अच्छे रहते हैं और वे दोनों ही सेक्स संबंधों का भरपूर आनन्द लेते हैं लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता जाता है, वैसे-वैसे उनके बीच की दूरियां बढ़ती जाती हैं। दोनों के बीच इस तरह दूरी बढ़ने से उनके बीच सेक्स संबंधों का संतुलन भी बिगड़ने लगता है। सेक्स संबंध असंतुलन उत्पन्न होने का मुख्य कारण है.......................... |
विवाहित जीवन में शारीरिक संबंधकोई भी स्त्री और पुरुष जब आपस में विवाह करते हैं तो उनके लिए सबसे पहली बात है शारीरिक संबंधों के बारे में पूरी तरह से जानकारी होना। इसको इस तरह से भी कहा जा सकता है कि भूख का लगना एक स्वाभाविक और प्राकृतिक प्रक्रिया है। भूख दो प्रकार की होती है- पहली पेट की भूख और दूसरी शरीर की भूख। पेट की भूख तो बच्चे को जन्म लेते ही लगने लगती है......................... |
विवाहित जीवन में संभोग का असली सुखरकृति ने स्त्री और पुरुष दोनों को ही एक-दूसरे का पूरक बनाया है दोनों एक-दूसरे के बिना बिल्कुल नहीं चल सकते। लेकिन जब वह दोनों एकाकार हो जाते हैं तो दोनों ही आत्मिक, मानसिक और शारीरिक तृप्ति महसूस करते हैं। इसी को सफल विवाहित जीवन का असली सुख कहा जाता है। आज के समय में शादी करने का मतलब सिर्फ बच्चे पैदा करना ही नहीं होता है.......................... |
शराब का वैवाहिक जीवन पर प्रभावशराब वह वस्तु है जो अच्छे-खासे वैवाहिक जीवन को बर्बाद कर देती है। शराब न केवल व्यक्ति को अन्दर से खोखला करती है बल्कि उसकी मानसिकता पर भी प्रभाव डालती है। शराब से अच्छे-खासे परिवार बिखर जाते हैं। शराब पति-पत्नी के बीच झगड़े का एक ऐसा सिलसिला शुरू कर देती है जो कभी खत्म नहीं होता। अधिक शराब के सेवन से पुरुष में नपुंसकता के लक्षण आ जाते हैं.......................... |
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